टेबल साल्ट आयोडीन युक्त नमक होता है, जो हमारे शरीर में थायराइड फंक्शन के लिए जरूरी है। आमतौर पर इसे खाना पकाने के बाद या सलाद में डाला जाता है।
समुद्री नमक में मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम की मात्रा भरपूर पाई जाती है। टेबल साल्ट की तुलना में इसका स्वाद थोड़ा तेज होता है। इसका इस्तेमाल खाना बनाते समय किया जाता है।
हिमालयन पिंक साल्ट हिमालय की पहाड़ियों में मिलता है, जो आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल से भरपूर होता है। यह शरीर के PH लेवल को बैलेंस करता है और पाचन में मदद करता है।
कोषेर साल्ट में बड़े-बड़े दाने होते हैं और इसका इस्तेमाल आमतौर पर मसाला और मीट की ग्रेवी बनाने के लिए किया जाता है।
सेल्टिक समुद्री नमक में मैग्नीशियम ज्यादा पाया जाता है, जो मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस नमक का यूज नहाने के पानी में भी किया जा सकता है।
काला नमक साधारण नमक से अलग होता है, जो हल्के गुलाबी रंग का होता है। इसमें सल्फूरिस पाया जाता है जो पाचन तंत्र के लिए बहुत जरूरी होता है और शरीर की सूजन को भी कम करता है।
लाल हवाईयन नमक को अलेआ नमक के नाम से भी जाना जाता है। इसमें ज्वालामुखी मिट्टी होती है, जो आयरन ऑक्साइड जैसे खनिज को बढ़ाती है। हवाईयन खाने में इसका यूज ज्यादा होता है।
सेंधा नमक में आयोडीन की मात्रा कम होती है और इस नमक का इस्तेमाल आमतौर पर व्रत के दौरान किया जाता है।