मानसून में पालक के पत्तों पर नमी और गंदगी की वजह से बैक्टीरिया और कीड़े पनप सकते हैं। जिसके खाने से फूड पॉइज़निंग, डायरिया, और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बथुआ के पत्ते मानसून में कीड़ों और फंगस से प्रभावित हो सकते हैं, जिससे इसका सेवन सुरक्षित नहीं रहता। इसके खाने से एलर्जी, पेट में दर्द, और त्वचा पर खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मेथी के पत्ते भी नमी के कारण जल्दी खराब हो जाते हैं। इस मौसम में इनमें फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। मेथी खाने से पेट में गैस, अपच, और उल्टी की समस्या हो सकती है।
सरसों का साग भी मानसून में नमी के कारण खराब हो सकता है और इसमें कीड़े लग सकते हैं। इसे खाने से पेट में जलन, उल्टी और एसिडिटी हो सकती है।
सलाद के पत्ते मानसून में जल्दी खराब हो जाते हैं और इनमें बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है। इसके खाने से फूड पॉइज़निंग और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
किसी भी सब्ज़ी को अच्छी तरह धोकर और साफ कर ही इस्तेमाल करें। कच्ची सब्ज़ियों के बजाय पका हुआ खाना ज्यादा सुरक्षित होता है।