मैदा, दूध और चीनी का अनुपात सही न होने पर मालपुआ न तो फूलेगा और न ही कुरकुरा बनेगा। बैटर न ज्यादा पतला हो और न ही बहुत गाढ़ा।
बैटर को 30 मिनट से 1 घंटे तक जरूर रखें ताकि वह थोड़ा फर्मेंट हो जाए, इससे मालपुए नरम और अंदर से अच्छे पकते हैं।
तेल का तापमान सही होना चाहिए, मध्यम आंच पर मालपुए को तलें, नहीं तो बाहर से कुरकुरे लेकिन अंदर से कच्चे रह जाएंगे।
मालपुए को गरम चाशनी में 30 सेकंड से ज्यादा न डुबोएं, नहीं तो वे नरम हो जाएंगे और कुरकुरापन खत्म हो जाएगा।
कई लोग कुरकुरेपन के लिए सूजी या softness के लिए केला मिलाते हैं, लेकिन इनकी मात्रा संतुलित न हो तो मालपुआ भारी और बीच से कच्चा रह सकता है।
कढ़ाही में एक साथ बहुत सारे मालपुए न डालें। इससे तेल का तापमान गिरता है और मालपुए ठीक से नहीं पकते।
बैटर या चाशनी में चीनी ज्यादा होने से मालपुआ जल्दी जलता है और स्वाद भी बिगड़ सकता है।
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