बादामी आम सबसे ज्यादा मशहूर आमों में से एक है, जो अंडाकार और हल्का पीला-नारंगी छिलके का होता है। यह बादामी आम मलाईदार, मीठा और बहुत रसीला होता है।
अल्फांसो (हापुस) को आमों का राजा कहते है। यह अपने मीठे स्वाद, बनावट और सुनहरे नारंगी रंग के लिए फेमस है। यह महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और कोंकण क्षेत्र में उगाए जाते हैं।
दशहरी आम मूल रूप से उत्तर प्रदेश में उगाए जाते हैं। ये आम बहुत ही मीठे और रसदार होते हैं। यह थोड़े रेशेदार होते हैं इसलिए इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है।
उत्तर प्रदेश में ही लंगड़ा आम की पैदावार भी बहुत ज्यादा होती है। ये अनोखे मीठे और तीखे स्वाद के लिए जाना जाता है। इसमें रेशा रहित पल्प होता है। पकने पर भी ये हरे रंग के होते हैं।
केसर आम केसर की तरह ही बहुत सुगंधित और रंगीन होता है। यह मूल रूप से गुजरात में उगाए जाते हैं। यह अपनी चिकनी बनावट और फाइबर रहित बनावट के लिए फेमस होते हैं।
तोता परी आम को बंगानपल्ली नाम से जाना जाता है। यह मूल रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु में उगाए जाते हैं। यह थोड़े लंबे होते हैं इनका खट्टा और मीठा स्वाद बहुत मजेदार होता है।
नीलम आम आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में उगाए जाते हैं। यह मीठे और तीखे स्वाद वाले छोटे आकार के होते हैं। इसका गूदा सख्त होता है जिसका इस्तेमाल जैम और मिठाई बनाने में होता है।
बॉम्बे ग्रीन आम को मालदा नाम से भी जाना जाता है। इसकी खेती मूल रूप से पश्चिम बंगाल में होती है। इसका रंग हल्का हरा होता है और स्वाद मीठा और हल्का सा तीखा होता है।