पीले-पीले केले को देखकर ना खाएं धोखा, ऐसे करें असली और नकली की पहचान
Food May 05 2025
Author: Deepali Virk Image Credits:freepik
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बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे नकली केला
आजकल बाजारों में केमिकल से पके हुए केले धड़ल्ले से बिक रहे हैं। यह दिखने में एकदम पीले और ताजे नजर आते हैं, लेकिन इसमें ऐसे केमिकल पाए जाते हैं जिससे कई बीमारियां हो सकती है।
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छिलके के रंग से करें पहचान
नकली केले का छिलका बहुत चमकीला और पीला होता है, जबकि असली पके हुए केले में हल्के काले धब्बे होते हैं और इसका रंग भी नेचुरली येलो नजर आता है।
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छू कर करें पहचान
अगर केले की सतह को छूने पर हल्की सफेद परत या सफेद पाउडर जैसा दिखें, तो समझ जाए कि इसमें कैल्शियम कार्बाइड डालकर इसे पकाया गया है। ऐसे केले लेने से बचें।
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छिलके और फल के रंग में अंतर
अगर केले का छिलका पीला है, लेकिन इसका पल्प बहुत ज्यादा सफेद या हल्के हरे रंग का है, तो समझ जाए कि यह केला केमिकल से पकाया गया है और आधा पका हुआ है।
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स्मेल से करें पहचान
असली और नकली केले की पहचान आप स्मेल से भी कर सकते हैं। असली केले में एक मिठास भरी नेचुरल खुशबू आती है, जबकि केमिकल वाले केले में कोई गंध नहीं होती है।
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हल्के हाथ से दबाकर करें चेक
केमिकल डालकर पकाए गए केले बहुत जल्दी दब जाते हैं। इसका गूदा चिपचिपा और गीला सा लगता है, जबकि असली केले हल्के नरम होते हैं, लेकिन जल्दी दबते नहीं है।
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स्वाद से करें पहचान
नकली केला बेस्वाद होता है, जिसमें हल्की सी कड़वाहट भी होती है। जबकि असली केला मीठा और क्रीमी टेक्सचर का होता है।
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क्यों नहीं खाएं नकली केला
नकली केला खाने से बचें, क्योंकि यह पाचन, किडनी, नर्वस सिस्टम और स्किन को भी इफेक्ट कर सकता है। इसमें कैंसर सेल्स को बढ़ाने के तत्व भी पाए जाते हैं।