पर्युषण पर्व के दौरान जैन लोग पत्तेदार सब्जी, नींबू, खट्टे फल मैदा जैसी चीजों से परहेज करते हैं और 10 दिनों तक दूध, चावल, अनाज और दालों का ही भोजन करते हैं।
पर्युषण पर्व के दौरान एकदम सात्विक भोजन किया जाता है। ऐसे में आप पराठे की जगह थेपला बनाकर इनका सेवन कर सकते हैं, जो स्वाद और सेहत दोनों में फायदेमंद होता है।
पर्युषण पर्व में ढोकला बनाने का भी विशेष महत्व होता है। आप बेसन की जगह चावल, उड़द दाल या चना दाल के साथ ढोकला बनाकर इसे हरी मिर्च, अदरक और तेल से तड़का दे सकते हैं।
पर्युषण पर्व में हांडवो भी बनाया जाता है। इसमें लौकी और तरह-तरह की सब्जियां डाली जाती हैं और पिसी हुई मूंगफली का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो इसे प्रोटीन पैक मील बनाता है।
यह हल्की और पचाने में आसान होती है, इसलिए मूंग दाल और चावल से आप हल्की फुल्की खिचड़ी बनाकर पर्युषण पर्व में इसका सेवन कर सकते हैं।
पर्युषण पर्व के दौरान आप सिंघाड़े के आटे की पूरी भी बना सकते हैं और इसे दाल के साथ खा सकते हैं।
मखाने की खीर भी एक पर्युषण फ्रेंडली फूड है, जिसे आप दूध और मखाने के साथ बना सकते हैं। उसमें आप अपनी पसंद के हेल्दी ड्राई फ्रूट्स भी डाल सकते हैं।
पर्युषण पर्व के दौरान साधारण चावल खाने की जगह आप समा के चावल खा सकते हैं। यह स्वाद में कमाल लगते हैं और इसे आप दही के साथ खा सकते हैं।