गांव से लेकर शहर तक, दूध का इस्तेमाल हर घर में होता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसका सेवन करते हैं। दूध शुद्ध हो यह जरूरी है, मिलावट होने पर यह फायदे की जगह नुकसान कर सकता है।
दूध में आमतौर पर पानी, डिटर्जेंट, स्टार्च, यूडिया, सिंथेटिक दूध, फॉर्मेलिन, कलर एजेंट और यहां तक कि मिठास भी मिलाई जाती है। आप दूध में मिलावट का पहचान घर बैठे कर सकते हैं।
2-3ml दूध को उबालें और ठंडा होने दें। इसमें आयोडीन घोल की 2-3 बूंदें डालें। अगर दूध शुद्ध है तो रंग नहीं बदलेगा या हल्का पीला हो जाएगा। नीला हुआ तो इसमें स्टार्च की मिलावट है।
पारदर्शी गिलास में 5ml दूध लें और उसमें बराबर मात्रा में पानी मिलाकर हिलाएं। शुद्ध दूध में झाग नहीं बनता या बहुत कम बनता है। डिटर्जेंट मिलाए गए पूरे दूध में झाग लगातार बना रहता है।
टेस्ट ट्यूब में 5ml दूध लें। बराबर मात्रा में सोयाबीन या अरहर पाउडर डालें और मिलाएं। लाल लिटमस पेपर डालें। लिटमस पेपर लाल रहा तो दूध शुद्ध है। नीला हुआ तो यूरिया की मिलावट है।
टेस्ट ट्यूब में 10ml दूध लें। बिना हिलाए किनारे पर कॉन्सेंट्रेटेड सल्फ्यूरिक एसिड की 2-3 बूंदें डालें। रंग न बदला तो यह शुद्ध है। बैंगनी या नीले रंग के छल्ले बने तो फॉर्मेलिन है।
टेस्ट ट्यूब में 5ml दूध और 5ml पानी डालकर अच्छी तरह हिलाएं। स्थिर झाग नहीं बना तो दूध शुद्ध है। लगातार झाग बनाता है तो इसमें सिंथेटिक डिटर्जेंट की मिलावट है।
दूध की बूंद चिकनी और तिरछी सतह पर रखें। अगर बूंद अपनी जगह पर बनी रहे या धीरे-धीरे बहे और पीछे एक सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध है। बिना किसी निशान के तेजी से गिरे पानी की मिलावट है।