पपीते इन दिनों खूब बिकते हैं लेकिन यह समझ नहीं आता है कि इन पपीतों को आखिर पेपर में ही क्यों लपेट के रखा जाता है।
कुछ दुकानदार इन पपीते को अच्छी तरीके से पकाने के लिए रखते हैं जबकि कुछ का कहना है कि इस तरीके से पपीता लंबे समय तक खराब नहीं होता है।
आज हम आपको इसकी असली वजह बताने जा रहा है। कच्चे पपीते को पकाने के लिए अखबार का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बाजार में बिकने वाला ज्यादातर पपीता कार्बाइड के द्वारा ही पकाया जाता है। इसलिए इसे अखबार में लपेटकर रखा जाता है, हालांकि फिलहाल इसपर रोक लगा दी गई है।
एथिलीन गैस की वजह से स्टार्च को शुगर में बदलने से यह गैस रोकती है जिससे उसका स्वाद बढ़ जाता है। पपीते को एथिलीन गैस में पकाने के बाद अखबार में लपेट के रखा जाता है।
कागज की जगह प्लास्टिक उपयोग करने से नमी बाहर नहीं निकल पाती है। इससे फल पपीता फफूंदयुक्त हो जाता है। इसलिए अखबार में लपेटना ज्यादा बेहतर होता है।
पपीते को पेड़ पर पकने से पहले ही तोड़कर अखबार में लपेटकर उसे कमरे में रख दिया जाता है। कार्बाइड और एथिलीन गैस के मुकाबले ये तरीका काफी गुणकारी होता है।