एक कप पानी में केसर के 2-3 धागे डालें। अगर यह तुरंत अपना रंग छोड़ने लगे, तो समझ जाए ये यह नकली केसर है असली केसर को अपना रंग छोड़ने में कुछ समय लगता है।
केसर के धागों से पीला रंग आता है जबकि केसर का धागा लाल रंग का होता है और इसका रंग बरकरार रहता है। अगर केसर के धागे का रंग उतर जाए तो समझ लें कि यह नकली केसर है।
एक-दो केसर के धागों को आप चबाकर देखें, अगर इसमें मीठा स्वाद आता है, तो यह नकली केसर हो सकता है असली केसर का स्वाद कड़वा होता है।
असली केसर को आप चाहे दूध में इस्तेमाल करें, पुलाव में इस्तेमाल करें या किसी ग्रेवी में इस्तेमाल करें ये कभी भी डिसोल्व नहीं होता है। इसके धागे हमेशा वैसे के वैसे ही नजर आते हैं।
असली केसर का धागा आसानी से आग को नहीं पकड़ता है, जबकि नकली केसर के धागे को अगर आप जलाएंगे तो यह तुरंत जल जाएगा।
असली केसर की गंध तेज होती है, इसमें शहद, घास और मिट्टी जैसी स्मेल आती है, जबकि नकली केसर में बहुत कम या कोई सुगंध नहीं होती है, क्योंकि इसमें केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।