नवरात्रि में हिंदू परिवारों को खानपान में खास एहतियात बरतना होता है। दसवें दिन मां के आशीर्वाद मिलने की उम्मीद के साथ भक्त अपना प्रण छोड़ते हैं।
भक्तों का मानना है कि मां की भक्ति पर्व के दौरान देवी दुर्गा अपने भक्तों को शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद देने के लिए धरा पर जरुर आती हैं।
वहीं नवरात्रि के दिनों में भक्त सांसारिक सुखों का त्याग करते हैं, उपवास करते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।
नवरात्रि में व्रतों के दौरान, प्याज और लहसुन का सेवन करने से परहेज करने के लिए कहा जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार व्रत के दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए क्योंकि यह आसानी से पच जाता है।
जब हम सात्विक भोजन का सेवन करते हैं, तो हमारा शरीर पाचन पर कम और उपचार और विषहरण पर अधिक ताकत लगाता है।
प्याज की तासीर शरीर पर गर्म होती है, जिसके सेवन से तन और मन को कंट्रोल रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस वजह से इसे नवरात्रि के दौरान खाने के लिए परहेज करने की सलाह दी जाती है।
लहसुन को राजोगिनी माना जाता है, इसका सेवन मन को विचलित कर सकता है। बॉडी की हीट कंट्रोल करने केलिए लहसुन- प्याज से दूर रहने का सलाह दी जाती है।