रॉ मिल्क को सामान्य भाषा में समझे तो डेयरी से निकाल कर सीधे ग्राहक तक पहुंचा देना। इसे पाश्चराइजेशन की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होता है।
दूध को लंबे समय तक हाई टेंपरेचर पर उबालना पॉश्चराइजेशन कहलाता है। यह हार्मफुल बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए किया जाता है।
रॉ मिल्क पीने को लेकर मत है कि यह केमिकल फ्री होता है और इसमें किसी भी तरह के प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह मलाईदार होता है और पचने में आसान भी।
अगर दूध को पॉश्चराइज नहीं किया जाता है तो इसमें हार्मफुल बैक्टीरिया रह जाता है जो बॉडी के अंदर पहुंचकर डेवलप होता है और आपको बीमार कर सकती है।
अमेरिका ने रॉ मिल्क को लेकर चेतावनी जारी की है। क्योंकि H5N1 वायरस इसमें पाया गया है। यह भी कहा जाता रहा है कि यह वायरस दूध के इक्यूपमेंट को भी इफेक्ट कर सकता है।
रॉ मिल्क को छोड़कर पाश्चराइज्ड दूध का सेवन करना सही है। अगर आप डिब्बा बंद दूध लेकर आते हैं तो सुनिश्चित कर लें कि यह पाश्चराइज्ड हो। सीधे डेयरी से लेकर आते हैं तो इसे उबालकर पीएं।