किसी को तोहफा देना हो या फिर किसे के गुस्से को शांत करना हो, चॉकलेट बेस्ट ऑप्शन होता है। हर कोई इसका दीवाना होता है। आइए जानते हैं चॉकलेट का इतिहास।
पहली बार चॉकलेट डे यूरोप में 7 जुलाई 1550 में मनाया गया था। अब इसे पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा है। चॉकलेट का बाजार काफी बड़ा है इसलिए इस दिन को काफी भुनाया जाता है।
चॉकलेट कोको पेड़ के फल से बनाई जाती है। अमेरिका के रेन फॉरेस्ट में 2000 साल पहले इसकी खोज की गई थी। मध्य अमेरिका और मैक्सिको में चॉकलेट बनाई जाती थी।
1528 में स्पेन ने मैक्सिको को कब्जा कर लिया। यहां से भारी मात्रा में कोको के बीच और चॉकलेट बनाने वाले उपकरण को स्पेन ले जाया गया कुछ वक्त बाद ही यह वहां के अमीरों का ड्रिंक बन गया।
18वीं शताब्दी में हुए औद्योगिक क्रांति ने चॉकलेट के प्रोडक्शन में गति प्राप्त की। पूरे यूरोप में यह फैल गया। यह आम जनता के लिए भी सुलभ हो गई।
वर्ल्ड चॉकलेट डे का संबंध किसी ऐतिहासिक घटना या व्यक्ति से जुड़ा नहीं हैं। यह सेलिब्रेशन जो समय के साथ चॉकलेट के उसके सभी रूपों में सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
शुरुआती दिनों में चॉकलेट का स्वाद कुछ कड़वा और तेज़ था। इसलिए इसमें शहद और चीनी समेत कई चीजों को मिलाकर तैयार किया गया।
डॉक्टर सर हैंस स्लोन ने अलग-अलग चीजों को मिलाकर चॉकलेट का कड़वापन दूर किया। इसे पीने योग्य बनाया। जिसे आज कैडबरी मिल्क चॉकलेट के नाम से जाना जाता है।