एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होता है और इसमें सूजन-रोधी गुण पाए जाते हैं। यह गठिया से पीड़ित व्यक्तियों में जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
ग्रीन टी में सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ग्रीन टी के नियमित सेवन से गठिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
ब्रोकोली एक क्रूसिफेरस सब्जी है, जिसमें सल्फोराफेन होता है, जो सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव वाला एक यौगिक है। यह ऑस्टियोआर्थराइटिस की स्थिति को धीमा करने में मदद कर सकता है।
सैल्मन, मैकेरल और ट्राउट जैसी फैटी फिश ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जिनमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और ये जोड़ों के दर्द और स्टिफनेस को कम करने में मदद कर सकते हैं।
स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और रास्पबेरी जैसी बेरीज पॉलीफेनोल्स नाम के एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं। ये गठिया से जुड़ी सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं।
पालक विटामिन और खनिजों से भरपूर है, जिसमें विटामिन के और एंटीऑक्सीडेंट भी शामिल हैं। इसमें सूजनरोधी गुण हो सकते हैं और यह जोड़ों लंबे समय तक मजबूत बनाए रखता है।
अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट का बेस्ट सोर्स है। अपनी डाइट में भीगे हुए अखरोट को शामिल करने से सूजन को कम करने और जोड़ों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।
लहसुन में सूजनरोधी गुण होते हैं और यह गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसे आप रेगुलर खाने में एड कर सकते है या इसे भूनकर ऐसे ही खा सकते हैं।
अदरक में जिंजरोल होता है, जो एक बायोएक्टिव यौगिक है जिसमें सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। अदरक का सेवन या अदरक की चाय गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला एक यौगिक है। खाने में कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर एड करने से गठिया की समस्या को कम किया जा सकता है।