घंटों एक ही जगह कुर्सी पर बैठने, शारीरिक श्रम न करने और मोटापे के कारण जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। जोड़ों के दर्द में योगा बहुत ही फायदेमंद होता है। यहां जानें कुछ खास आसन।
यह आसन घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करता है तथा ऑस्टियोपोरोसिस रोग में लाभकारी है। इतना ही नहीं इसे रोजाना करने से रोगी तनाव को भी कम कर सकता है।
बालासन कूल्हों, जांघों और टखनों में एक बहुत बढ़िया खिचाव लाता है। बालासन करने से पीठ और गर्दन में दर्द से छुटकारा दिलाता है। बालासन संपूर्ण शरीर को आराम देता है।
विपरीतकरणी मूत्र संबंधी विकार, हाई और लो ब्लड प्रेशर के साथ-साथ गठिया रोग में बहुत ज्यादा फायदेमंद है। इसे करने से हल्के डिप्रेशन और अनिद्रा की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
यह आसन घुटनों को सुदृढ़ बनाता है तथा जकड़े हुए कन्धों को सक्रिय करने में सहायक है। यह जोड़ों से तनाव मिटा कर शरीर को संतुलन प्रदान करता है।
तितली आसन करने से अंदरूनी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। जांघों की मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव से राहत मिलती है और घुटनों में होने वाले दर्द से भी छुटकारा मिलता है।
वज्रासन पाचन और गैस की बीमारी में तो लाभकारी है ही साथ ही ये घुटने के दर्द को दूर करने में मदद करता है। साथ ही जांघ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
अगर योगासन से जोड़ों का दर्द बढ़े तो आप शरीर को सहारा देने के लिए तकिया व अन्य उपकरणों की सहायता ले सकते हैं। अपनी शारीरिक क्षमता को ध्यान में रखकर ही हर आसन करें।