पपीते की पत्ती का अर्क से डेंगू बुखार का ट्रीटमेंट किया जाता है। कुछ स्टडी से पता चलता है कि यह प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद कर सकता है जो डेंगू के रोगियों में काफी कम हो सकता है।
नीम की पत्तियां अपने एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जानी जाती हैं। नीम के पत्तों की चाय पीने या नीम के पत्ते चबाने से डेंगू के कुछ लक्षणों से राहत मिल सकती है।
गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो इम्युन सिस्टम को बढ़ाने का काम करता है। यह डेंगू वायरस के प्रति इम्युन सिस्टम को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
तुलसी में एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। तुलसी की चाय पीने या पत्तियों का सेवन करने से कुछ लक्षणों को नियंत्रित करने और इम्युन सिस्टम को बढ़ाने मे मदद मिल सकती है।
हल्दी में करक्यूमिन होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण होते हैं। हल्दी वाली चाय पीने से सूजन को कम करने और पूरे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
नारियल पानी हाइड्रेटिंग है और डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद कर सकता है। जो डेंगू के रोगियों के लिए आवश्यक है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स का भी अच्छा स्रोत है।
डेंगू फीवर में इलाज के दौरान मेथी के पत्ते या फिर मेथी के दाने को उबालकर पानी में पीने की सलाह दी जाती है। यह भी डेंगू को जल्द ठीक करने में मदद करती है।