अन्य मौसमों की अपेक्षा बारिश के मौसम में सब्जियों में कीड़े ज्यादा लगते हैं। बंधगोभी का कीड़ा अगर खा लिया जाए तो व्यक्ति को दौरे पड़ने की समस्या हो जाती है।
फूलगोभी में हल्के हरे रंग का कीड़ा यानी गोभी लूपर लार्वा अगर शरीर में पहुंच जाए तो पेट के एसिड और एंजाइम भी उसे खत्म नहीं कर सकते। दिमाग पर लूपर लार्वा बुरा असर करता है।
पालक में टेपवर्म या लीफमाइनर्स जैसे कीड़े होते हैं। टेपवर्म अगर शरीर में चाल जाए तो शरीर के नर्वस सिस्टम फेल हो सकता है। साथ ही आंखों की रोशनी पर भी बुरा असर पड़ता है।
टमाटर में पिनवर्म कीड़ा होता है। अगर खराब टमाटर खा लिए जाए तो पेट खराब की समस्या हो सकती है। टमाटर को काटने के बाद अच्छी तरह से चेक कर इस्तेमाल करें।
गाजर का अक्सर सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि कच्ची गाजर खाई जाती है तो संभावना बढ़ जाती है कि टेपवर्म सीधे शरीर में चला जाए। गाजर को साफ पानी से धोकर, काटकर ही खाएं।
बारिश के मौसम में भिंडियों में भी कीड़े निकलते हैं। आपको भिंडी को काटते समय अंदर चेक करना चाहिए। अगर किसी भिंडी में कीड़ा है तो उसे पूरा फेंक दें। कई बार छोटे अंडे नजर नहीं आते।
बैंगन में कीड़े होना किसी भी सीजन में आम बात है। बैंगन का भर्ता बना रहे हैं तो उससे पहले हल्का सा कट लगाकर अंदर चेक कर लें।