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Plant Based Foods के ये 8 बड़े नुकसान क्या आपको है पता

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पोषक तत्वों की कमी

विटामिन बी12, आयरन, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे कुछ आवश्यक पोषक तत्व नॉनवेज में पाए जाते हैं। प्लांट बेस्ड डाइट में इन पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

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प्रोटीन की क्वालिटी

प्लांट बेस्ड प्रोटीन में कुछ जरूरी अमीनो एसिड की कमी हो सकती है। हालांकि कई पौधों के प्रोटीन सोर्स का गठबंधन इसकी भरपाई कर सकता है। प्लांट बेस्ड फूड के लिए अच्छी प्लानिंग चाहिए।

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पाचन संबंधी समस्याएं

कुछ पौधों के खाद्य पदार्थ विशेष रूप से फाइबर में हाई सूजन और गैस जैसी पाचन संबंधी असुविधा पैदा कर सकते हैं। खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो हाई फाइबर डाइट के आदी नहीं है।

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एंटीन्यूट्रिएंट्स

पौधों में ऑक्सालेट्स, फाइटेट्स और टैनिन जैसे एंटीन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो खनिजों के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकते हैं। जिससे संभावित रूप से पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

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हार्मोनल असंतुलन

सोया एक सामान्य प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स है। इसमे ऐसे कंपाउंड होते हैं जो एस्ट्रोजन की नकल कर सकते हैं। हार्मोनल असंतुलन और सोया से एलर्जी भी कुछ लोगों को हो सकती है।

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एलर्जी

प्लांट बेस्ड डाइट में ड्राई फ्रूट्स, सीड्स और ग्रेन पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। जोआम एलर्जी कारक हैं। एलर्जी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए प्लांट बेस्ड डाइट की सही प्लानिंग चाहिए।

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लागत

कुछ प्लांट बेस्ड फूड के खास प्रोडक्ट और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट पारंपरिक पशु उत्पादों की तुलना में अधिक महंगे हो सकते हैं। जो संभावित रूप से लोगों के जेब के लिए महंगे हो सकते हैं।

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उपलब्धता और पहुंच

कुछ क्षेत्रों में प्लांट बेस्ड विकल्प सीमित हो सकते हैं। जिसस् लोगों के लिए अलग-अलग तरह के पौष्टिक प्लांट बेस्ड फूड्स ढूंढने में तकलीफ हो सकती है।

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