डांस मूड को बेहतर बनाने और तनाव को कम करने के लिए जाना जाता है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक डांस और एरोबिक्स डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है।
दौड़ने या जॉगिंग से सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के प्रोडक्शन में बढ़ोतरी होती है। जिससे मूड में सुधार हो सकता है।
वॉक करने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है। इसे फील गुड हार्मोन के नाम से जाना जाता है। हर रोज वॉक करने से मूड पर पॉजिटिव असर होता है और तनाव कम होता है।
योगा के जरिए भी डिप्रेशन और टेंशन पर काबू पाया जा सकता है। सुखासन, अधो मुख श्वानासन और उत्तानासन करके आप अपने मेंटल प्रॉब्लम को ठीक कर सकते हैं।
तैराकी की लयबद्ध प्रकृति, पानी के हल्केपन के साथ मिलकर एक सुखद माहौल बनाती है। तैराकी से डिप्रेशन और टेंशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
ताकत का निर्माण आत्म सम्मान में बढ़ोतरी करता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से फिजिकल हेल्थ में सुधार के साथ-साथ मानसिक शांति भी मिलती है।
स्ट्रेंथ और फ्लेक्सिबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए पिलेट्स मेंटल हेल्थ को बेहतर करने का प्रभावी तरीका है। यह शारीरीक मजबूती को बढ़ावा देने के साथ-साथ मन को भी शांत करता है।
साइकिलिंग भी फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ में सुधार करती है। साइकिलिंग के दौरान चिंत शांत होता है। इसलिए हर रोज थोड़ी साइकिलिंग जरूर करनी चाहिए।