प्रेग्नेंसी में शराब खून के माध्यम से प्लासेंटा तक पहुंचता है। चूंकि बच्चे का लिवर विकसित नहीं होता है इसलिए बच्चे पर बुरा प्रभाव जैसे सीखने की क्षमता आदि प्रभावित होती है।
प्रेग्नेंसी में जब महिला शराब का सेवन करती है तो सीरियस कंडीशन फोएटल एल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर हो जाता है। इस कारण से महिला का मसिकैरिज हो सकता है।
जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय स्मोकिंग करती हैं उनके होने वाले बच्चे में कटे होंठ और फटे तालु जैसे लक्षण दिखते हैं।
मां के अधिक स्मोकिंग करने पर होने वाले बच्चे को फेफड़ो कमजोर होते हैं। इस कारण से पैदा होने के कुछ समय बाद बच्चे की मौत भी हो सकती है।
सिगरेट का प्रेग्नेंसी के समय इस्तेमाल प्रीमैच्योर बर्थ यानी समय से पहले बच्चे के जन्म के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इस कारण से बेबी डेवलेपमेंट ठीक से नहीं हो पाता।
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग या शराब पीने से न केवल समय से पहले बच्चे के जन्म का खतरा रहता है बल्कि बच्चे का वेट भी कम हो सकता है।
जब गर्भावस्था में शराब या स्मोकिंग बेहिसाब की जाती है तो एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (फैलोपियन ट्यूब में) की संभावना बढ़ जाती है। इससे बच्चे की जान को खतरा रहता है।