बेबी वॉकर बच्चों को चलने का स्वाभाविक तरीका नहीं सिखाता। बच्चे को चलने में मदद करने के बजाय, यह उनकी मांसपेशियों और जोड़ों के प्राकृतिक विकास को प्रभावित कर सकता है।
वॉकर पर बच्चे पूरी तरह से डिपेंडेंट हो जाते हैं और यह उन्हें संतुलन बनाए रखने में सक्षम नहीं बनाता। जब वॉकर का सहारा नहीं होता, तो बच्चे को गिरने का डर होता।
वॉकर का हाईट और बच्चों की छोटी हाईट उन्हें अंगूठे पर चलने पर मजबूर करते हैं। इससे बच्चों की नेचुरल चलने की प्रक्रिया में बदलाव आता है और बाद में चलने में उन्हें असुविधा हो सकती है।
वॉकर से बच्चों के नाजुक अंगूठों पर दबाव पड़ता है, जो कि उनकी हड्डियों और जोड़ों के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है। यह बाद में उनके पैरों की संरचना को भी प्रभावित कर सकता है।
वॉकर से बच्चों के पैरों की मांसपेशियां और जांघों की ताकत नहीं बन पाती, वॉकर बच्चों को नेचुरल तरीके से शरीर का संतुलन नहीं बना पाते। इससे मांसपेशियों की ताकत कमजोर हो सकती है।
वॉकर पर चलने से बच्चे पुरी तरह से वॉकर पर डिपेंडेंट हो जाते हैं, जिससे वे बिना वॉकर के चलने में डरते हैं। इसलिए बच्चों को आत्म निर्भर बनाने के लिए बिना वॉकर के चलाएं।