ग्रामीण इलाकों को छोड़ दें तो छोटे-बड़े शहर की महिलाएं अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए हर महीने ब्यूटी पार्लर जाती है। लेकिन यहीं पार्लर उनके जान की दुश्मन बनती जा रही है।
नवंबर 2023 में हैदराबाद में महिला हेयर वॉश करते हुए ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम का शिकार हो गई। सिर दर्द, चक्कर आने उसे शुरू हो गए। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दिल्ली के ग्रीन पार्क में फेशियल मसाज करवाते हुए उंगलियों के गलत प्रेशर से महिला की गर्दन की नस दब गई। दर्द होने पर तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
कर्नाटक में एक दुल्हन का चेहरा फेशियल की वजह से खराब हो गया। उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। शादी को इसकी वजह से रोकना पड़ा।
नीदरलैंड में 43साल की महिला पार्लर में पेडीक्योर कराने गई थी। प्यूमिक स्टोन से पैर में कट लग गया और इंफेक्शन फैल गया। पार्लर में महिला को इस तरह के घटना का सामना करना पड़ रहा है।
1993 में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में पहली बार ब्यूटी पार्लर सिंड्रोम का जिक्र किया गया। इसमें पांच महिलाओं पर स्टडी की गई थी।
हेयर सैलून में शैम्पू सेशन के बाद स्ट्रोक जैसे न्यूरोलॉजिकल सिम्टम्स देखने को मिले थे। 5 में से 4 महिलाओं ने चक्कर आना, बैलेंस का खोना और चेहरा सुन्न होने की शिकायत की थी।
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम आने की खास वजह होती है किसी नस का दबना।नस कहीं की भी जब यह दबती है तो ब्रेन तक ब्लड की सप्लाई प्रभावित होती है। जो स्ट्रोक की वजह बनता है।
कई रिसर्च में सामने आया है कि सैलू में टूल्स और प्रोडक्ट्स इंफेक्शन फैला सकते हैं। वार्ट्स, एक्ने, रैशेज, ड्राईनेस, मोलस्कम कॉमन इंफेक्शन है।
पार्लर में जाते ही खुद को हमेशा सतर्क मोड में रखें। मालिश के दौरान गर्दन में अचानक और अत्यधिक छेड़छाड़ से बचें। गुनगुने पानी से सिर धोने के लिए कहें।