भारत में लगातारा हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। कम उम्र में लोगों का दिल धोखा दे रहा है। 20-35 साल तक के युवाओं की जान हार्ट अटैक या कार्डियएक अरेस्ट से जा रही है।
कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया से जुड़े हार्ट स्पेशलिस्टों की मानें तो ऐसा हाइपरटेंशन, स्ट्रेस, डायबिटीज, स्मोकिंग या फिर फैमिली हिस्ट्री की वजह से हो रहा है।
लिपिड गाइडलाइंस के अध्यक्ष और गंगाराम अस्पताल के कार्डियोलॉजी डॉ. जेपीएस साहनी कहते हैं कि हार्ट अटैक इन सब चीजों के अलावा कोलेस्ट्रॉल यानि लिपिड प्रोफाइल भी जिम्मेदार है।
कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. साहनी कहते हैं कि 80 प्रतिशत लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है। अगर इसे कम करना है तो हर व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए।
एम्स के प्रोफेसर डॉ रामाकृष्ण का कहना है कि हर व्यक्ति को 18 साल की उम्र में पहली बार अपना लिपिड प्रोफाइल यानी कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना चाहिए। ताकि दिल को सुरक्षित रखा जा सके।
लिपिड प्रोफाइल में गुड कोलेस्ट्रॉल, बैड कोलेस्ट्रॉल, नॉन एचडीएल कोलेस्ट्रॉल, लिपो प्रोटीन और ट्रायग्लिसराइड समेत 5 चीजें आती हैं। जिसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
अगर घर में हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री है तो युवा जिसकी उम्र 15 साल है उसे भी कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करानी चाहिए। ताकि अगली पीढ़ी में हार्ट अटैक को प्रिवेंट किया जा सकता है।
40 के बाद हर व्यक्ति को रूटीन चेकअप में हर साल कोलेस्ट्रॉल लेबल की जांच करानी चाहिए। अगर ये सही वक्त पर पता चल जाए तो 50 प्रतिशत हार्ट अटैक के चांसेज को घटा सकते हैं।
हेल्दी डाइट के साथ-साथ रेगुलर एक्सरसाइज करें। हेल्दी वेट को जरूर मेंटेन करें। मोटापा को बढ़ने ना दें।स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं।