हाल ही में हुए स्टडी की मानें तो कोरोना महामारी की वजह से किशोरों और बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ गया है।
'डायबिटिक केटोएसिडोसिस' टाइप-1 डायबिटीज का सबसे कॉमन और सीरियस कॉम्प्लिकेशन है। जिसकी वजह से जान जाने का जोखिम बढ़ जाता है।
हालांकि शोध में यह सामने नहीं आया है कि कोविड महामारी के दौरान डायबिटीज के रेट क्यों बढ़ गए। लेकिन लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ खराब आदतें, स्ट्रेस, आइसोलेशन को इसकी वजह माना जा रहा है।
आर्ट ऑफ लिविंग की मानें तो डायबिटीज की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है अगर लाइफस्टाइल में योगा और मेडिटेशन को जोड़ लिया जाता है तो।
धनुरासन ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। यह आसन पैंक्रियाज को एक्टिव कर देता है जिससे इंसुलिन हॉर्मोन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। यह पेट के सभी अंगों को मजबूत भी करता है।
डायबिटीज पेशेंट को अर्धमत्स्येन्द्रासन जरूर करना चाहिए। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। पेट और रीढ़ की हड्डियों को मजबूत बनाता है।
कपालभाति प्राणायाम करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है। मन को शांत करता है। इतना ही नहीं यह शरीर के तंत्र-तंत्रिकाओं और दिमाग के नसों को मजबूती देता है।
डायबिटीज पेशेंट को शवासन भी जरूर करना चाहिए। यह शरीर को रेस्ट देने के साथ-साथ मन को भी शांत करता है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए पश्चिमोत्तानासन भी करना चाहिए। यह पेट के सभी अंगों को सक्रिय कर देता है।