व्हाइट ब्रेड रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है, जिसे खाने से डाइजेशन प्रॉब्लम तो होती है साथ ही ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ सकता है।
इंस्टेंट नूडल्स बच्चों से लेकर बड़ों तक को पसंद होते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि नमक और मसाले से भरपूर के इंस्टेंट नूडल्स सोडियम और अनहेल्दी फैट से भरपूर होते हैं।
चिप्स वेफर्स जैसे नमकीन स्नैक्स में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इसमें ट्रांस फैट भी पाया जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल को हाइक कर सकता है।
टोमेटो केचप में हिस्टामाइन होता है, जिससे एलर्जी हो सकती है। इतना ही नहीं इसमें चीनी और नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को और ज्यादा बढ़ा सकती है।
बेकन, सॉसेज, डेली मीट और हॉट डॉग जैसे खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है और इसमें शुगर कंटेंट या फिलर्स हो सकते हैं जो ब्लड शुगर के लेवल को प्रभावित कर सकते हैं।
बर्गर, फ्राइज, पिज़्ज़ा और अन्य फास्ट फूड में अक्सर सोडियम और अनहेल्दी फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जो वजन बढ़ाने और इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान कर सकते हैं।
फ्रोजन फूड सुविधाजनकहोते हैं, जिन्हें हम 2 मिनट में रेडी कर सकते है। लेकिन उनमें सोडियम और प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में फ्रोजन फूड का सेवन हमें कम करना चाहिए।
आम से लेकर मिर्च तक के अचार में भी सोडियम की मात्रा अधिक होती है और इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही डायबिटीज से परेशान है।