ओवरहाइड्रेशन का बुरा असर किडनी पर पड़ता है। बहुत अधिक पानी का असर किडनी में उपस्थित आर्जिनिन वेसोप्रेसिन के स्तर पर पड़ता है। इसके कम होने से किडनी को क्षति पहुंच सकती है।
ज्यादा पानी पीने के कारण ब्लड में वॉटर लेवल बढ़ सकता है। इससे हार्ट पर प्रतिकूल असर पड़ता है, जिससे अटैक की आशंका बढ़ सकती है।
बहुत ज्यादा पानी पीने से आपकी बॉडी में स्वेलिंग आ सकती है, इसे ओवरहाइड्रेशन कहते हैं। इस स्थिति में कोशिकाओं में पानी जमा होने लगता है और बॉडी पर सूजन नजर आने लगती है।
बहुत ज्यादा पानी पीने से पेट फूलने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इससे साथ वोमेटिंग, सिर दर्द जैसी शिकायत हो सकती है।
ज्यादा पानी पीने की वजह से बॉडी में सोडियम का लेवल कम हो सकता है। इसे हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है। दिल और किडनी से जुड़ी परेशानी वाले लोगों को हाइपोनेट्रेमिया का खतरा होता है।
ओवरहाइड्रेशन की वजह से दस्त और काफी लंबे समय तक पसीना आता है। यह अक्सर सीधे डाइजेशन सिस्टम को प्रभावित करता है। जिससे दस्त जैसी पेरशानियां पैदा होती हैं।