नकली दवाएं सिर्फ आपकी बीमारी नहीं बढ़ातीं, बल्कि जान का खतरा भी बन सकती हैं। आइए जानें पहचानने के आसान तरीके।
स्पेलिंग मिस्टेक, हल्की प्रिंटिंग, टूटी सील या असामान्य पैकेज नकली दवा की ओर इशारा कर सकते हैं।
दवा के बॉक्स और स्ट्रिप पर बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट मेल खानी चाहिए। कोई भी गड़बड़ी शक पैदा कर सकती है।
कई दवाओं पर यूनिक कोड होता है जिसे स्कैन कर आप उसकी असली जानकारी कंपनी से पा सकते हैं।
विश्वसनीय मेडिकल स्टोर से ही दवा खरीदें और हमेशा बिल लें। नकली दवा बेचने वाले अक्सर बिल नहीं देते।
अगर दवा का रंग बदला हुआ हो या उसमें अजीब गंध हो तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
यदि आप दवा की पहचान के लिए कंपनी की वेबसाइट पर असली पैक की फोटो देखेंगे तो सब क्लियर हो जाएगा। CDSCO.gov.in साइट पर भी दवा को जांचा जा सकता है।
अगर किसी दवा पर आपको ज़रा भी शक हो तो बिना देर किए स्थानीय दवा निरीक्षक या CDSCO पोर्टल पर शिकायत करें।
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