अंजीर के गजब फायदों के कारण उसे ड्राई फ्रूट्स या फल के रूप में ज्यादातर घरों में खाया जाता है। कम ही लोगों को जानकारी होगी कि अंजीर एक नॉन-वेजिटेरियन फ्रूट है।
जब अंजीर का फल अपरिपक्व होता है तो मादा ततैया अंजीर के परागकण की विशेष महक से उसे खोज लेती है। फिर ततैया फल के अंदर घुसती है।
ततैया के पंख और एंटीना रास्ता छोटा होने के कारण टूट जाते हैं। ततैया फल के अंदर ही अपने अंडे देती है। नर ततैया के पंख नहीं होते और वो अंजीर के अंदर ही मर जाते हैं।
मादा ततैया अंजीर से बाहर निकल दूसरे अंजीर की तलाश में जुट जाती हैं ताकि कहीं और अंडे दे सके। इस तरह अंजीर के अंदर कुछ मरी ततैया रह जाती हैं।
मरे ततैया अंजीर के एंजाइम के कारण फल में ही अवशोषित हो जाते हैं। यानी आप मरे ततैया को फल से अलग नहीं कर सकते हैं।
अंजीर के सभी फलों में मरी ततैयार होती है, ये कह पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन फल के अंदर ही फूल होने के कारण पॉलिनेशन(परागकण) की प्रक्रिया के दौरान ऐसा होता है।
नॉनवेजीटेरियन होने के कारण जैन लोग अंजीर के फल या ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर आप भी वीगन हैं तो बेहतर होगा कि अंजीर का सेवन न करें।