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प्रेग्नेंसी में बढ़ जाता है इन 6 बीमारियों का खतरा, ना करें इग्नोर

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जेस्टेशनल डायबिटीज

प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हो सकता है। इसका असर मां और बच्चे दोनों पर पड़ सकता है। डिलीवरी के दौरान कठिनाई हो सकती है। बच्चे का वजन ज्यादा बढ़ सकता है।

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प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia)

प्रीक्लेम्पसिया एक गंभीर स्थिति है जो प्रेगनेंसी  के दौरान होता है। इसमें BP बढ़ जाता है और मूत्र में प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ जाती है।यह बच्चे और मां दोनों के लिए खतरनाक होता है।

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एनीमिया (Anemia)

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में एनीमिया का खतरा भी बढ़ जाता है। शरीर में आयरन की कमी से यह समस्या होती है। इससे गर्भवती महिला में थकान, कमजोरी, और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

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प्लेसेंटा प्रिविया (Placenta Previa)

प्लेसेंटा प्रिविया में प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में आ जाता है जिससे गर्भाशय का मुंह बंद हो जाता है। यह खून बनने का कारण बन सकता है। जिसकी वजह से सिजेरियन करानी पड़ती है।

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मूत्र मार्ग संक्रमण(Urinary Tract Infection )

प्रेगनेंसी के दौरान मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) का खतरा भी अधिक होता है। हार्मोनल बदलाव और गर्भाशय के बढ़ने के कारण मूत्र मार्ग में दबाव बढ़ जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा होता है।

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थायरॉयड विकार

प्रेगनेंसी के दौरान थायरॉयड भी हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म का समय पर इलाज न करने से गर्भपात, प्रीमच्योर डिलीवरी, और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।

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