कानों की त्वचा बहुत सेंसिटिव होती है। कई बार हैवी ईयरिंग्स पहनने से कान की स्किन में हल्का सा ब्लड आ जाता है। अगर ध्यान न दिया जाए तो इस स्थान में पस (म्यूकस) भी बनने लगता है।
कानों में आर्टिफिशियल ईयररिंग्स का कई बार बुरा प्रभाव पड़ता है। आपको कानों में ऐसे समय में ईयररिंग्स बिल्कुल नहीं पहनने चाहिए जब पियरसिंग के स्थान में घाव हो।
कानों में हल्का सा भी घाव लगे तो ईयररिंग्स उतार कर नारियल का तेल या फिर सरसों का तेल लगाएं। कानों में उभार आने पर ईयररिंग्स पहनें रहने की भूल बिल्कुल न करें।
कानों की स्किन में पस पड़ने की स्थिति में आपको क्रीम के साथ ही एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत होती है। तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर घाव का इलाज कराएं।
कानों के साथ ही नाक में आर्टिफिशियल रिंग पहनने से दिक्कत हो सकती है। आपको ऐसे में रिंग उतारकर घाव वाले स्थान में हल्दी का लेप लगाना चाहिए।
अक्सर लोग चेहरे को मॉस्चराइजर करते हैं, कान की त्वचा को नहीं। ड्राईनेस के कारण भी कई बार ईयरिंग फंस जाती है और खून निकलने लगता है।
कानों का छेद बड़ा न होने पर भी ईयरिंग्स पहनने से खून आ सकता है। आपको हमेशा सही नाप वाले ईयररिंग्स चुनने चाहिए जो कानों में आसानी से पहने जा सके।