HMPV वायरस का 9वां केस भारत में मिल चुका है। मुंबई की एक 6 महीने की बच्ची में इसकी पुष्टि हुई है।
ऐसे में अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं तो आपको अलर्ट रहने के साथ ही कुछ जरूरी सावधानियां बरतने की जरूरत है।
सामान्य सर्दी और फ्लू की तरह लक्षणों वाले इस वायरस में कई बार ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का खतरा भी बना रहता है। ये वायरस सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को चपेट में ले रहा है।
पीडियाट्रीशियंस के मुताबिक, पूरी दुनिया में HMPV वायरस के सबसे ज्यादा केस 4 महीने से 2 साल तक के बच्चों में मिल रहे हैं।
अगर बच्चे की नाक बह रही है, उसे कफ है या सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
इसके अलावा बच्चे को खांसी के साथ ही सांस लेने में घरघराहट की आवाज आ रही है और बुखार है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों के बिस्तर को रेगुलर साफ करते रहें। इसके अलावा अपने हाथ बार-बार साबुन से धोएं और सैनेटाइज करें। बिना हाथ धोए बच्चों को न छुएं।
सर्दी-खांसी-जुकाम या बुखार आने वाले लोगों के सीधे संपर्क में आने से बचें।
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जानें से बचें। अगर इमरजेंसी में जाना भी हो तो मास्क लगाएं।
खांसी-छींक आने पर मुंह को टिश्यू पेपर से ढंकें। अगर फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं तो फौरन खुद को आइसोलेट कर लें।
डॉक्टर की सलाह के बिना छोटे बच्चों को कोई दवाई न दें। इसके साथ ही इन्फेक्शन का रिस्क कम करने के लिए कमरे में रोशनदान जरूर रखें।