हॉलीवुड एक्ट्रेस केट विंसलेट ने टेस्टोस्टेरोन और सेक्स ड्राइव के बीच संबंध के बारे में महिलाओं में जिज्ञासा जगाई है। उन्होंने Sexy फील करने के लिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी ली है।
48 साल की केट विंसलेट ने बताया है कि महिलाओं में कामेच्छा में गिरावट की वजह टेस्टोस्टेरोन की कमी हो सकती है। महिलाओं के शरीर में भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बनता है।
टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है। यह पुरुषों में Testes और महिलाओं में कम मात्रा में अंडाशय और एड्रेनल ग्लैंड में बनता है। इस हार्मोन के चलते पुरुष के प्रजनन अंगों का विकास होता है।
डॉक्टर के अनुसार इंसान के शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर से उसकी कामेच्छा, मनोदशा और ऊर्जा प्रभावित होती है। यह इंसान के स्वास्थ्य और खुशहाली से भी जुड़ा है।
डॉ. राकेश कुमार प्रसाद ने बताया है कि टेस्टोस्टेरोन की जीवन के विभिन्न चरणों में अलग-अलग भूमिकाएं होती हैं। महिलाओं में यह सेक्स ड्राइव और प्रजनन क्षमता तय करता है।
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर उम्र के साथ कम हो जाता है। एस्ट्रोजन जैसे अन्य हार्मोन भी समय के साथ कम होते हैं। खासकर जब उनमें मेनोपॉज शुरू होता है।
पुरुष हो या महिला टेस्टोस्टेरोन का स्तर दोनों में कामेच्छा तय करता है। महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है।
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी में शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बहाल किया जाता है। महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करने की रुचि बढ़ी है।
शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने से मुहांसे, ऑयली स्किन, चेहरे व शरीर पर बालों का बढ़ना, आवाज गहरा होना, शरीर की गंध में बदलाव, मासिक धर्म में बदलाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।