हाई ब्लड प्रेशर सेहत से जुड़ी बड़ी समस्या बनता जा रहा है। जिन लोगों का हमेशा हाई ब्लड प्रेशर रहता है उस समस्या को हाइपरटेंशन कहा जाता है। ये आमतौर पर तनाव या घबराहट में बढ़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर में हार्ट को ब्लड को पंप करने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। 30 फीसदी आबादी हाइपरटेंशन का शिकार है। जिन्हें पता ही नहीं है कि वो इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।
लक्षण की बात करें तो सिरदर्द, सांस फूलना, थकान या भ्रम, छाती में दर्द, पसीने आना, घबराहट होना, धुंधला नजर आना और उल्टियां आना इसके साइन हैं।
ब्लड प्रेशर जब बढ़कर 139/89 की रेंज के बीच में पहुंच जाता है, तो यह स्टेज प्री हाइपरटेंशन कहलाती है। इसमें हाइपरथाइराइडिज्म या किडनी की बीमारी का खतरा रहता है।
ब्लड प्रेशर 140/90 से 159/99 की रेंज के बीच में होता है। यह माइल्ड हाइपरटेंशन की स्टेज कहलाती है। इसमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और डायबिटीज होने की संभावना रहती है।
इस रेंज में 160/110 से 179/109 के बीच ब्लड प्रेशर होता है। थोड़ी सी लापरवाही से जान पर बन सकती है। यह खतरनाक स्टेज है इसमें माइनर हार्ट अटैक, स्ट्रोक होने की संभावना होती है।
यह सबसे खतरनाक और गंभीर स्टेज है। इस स्थिति में कार्डिएक अरेस्ट, सीवियर हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर, स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज हो सकता है और मरीज की जान जा सकती है।