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Vaccination Day 2024: 7 टीके जो भारत में हर बच्चे को लगवाने चाहिए

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बच्चों के सबसे जरूरी टीके

छोटे बच्चों को कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगवाना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं छोटे बच्चे के लिए कौन-कौन से टीके आवश्यक होते हैं।

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एमएमआर

छोटे बच्चों को लगने वाले टीके में एमएमआर बेहद महत्वपूर्ण है। यह टीका बच्चों को कई बीमारियां जैसे बुखार, खांसी, गले में दर्द, निमोनिया, भूख न लगना, थकान, नाक का बहना से बचाता है।

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डीटीपी

टिटनेस में बच्चे को खाने, पीने, सांस लेने में परेशानी होती है, जिससे बच्चों में निमोनिया या अन्य समस्या का खतरा बना रहता है। यह वैक्सीन इस इंफेक्शन को रोकने में मदद करता है। 

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एचपीवी

11-12 साल के उम्र के बच्चों के लिए यह टीका उपलब्ध है। एचपीवी वायरस के कारण त्वचा पर खुजली या मस्से की समस्या होती है। इसके कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होने का भी खतरा रहता है।

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हेपेटाइटिस ए

पीलिया से बचाव के लिए हेपेटाइटिस ए का टीका लगाना काफी जरूरी होता है। एमएमआर की तरह हेपेटाइटिस-ए भी छह महीने के अंतराल पर दो बार लगाया जाता है।

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टाइफाइड का टीका

बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से उनमें वायरल इंफेक्शन जल्दी होता है। टाइफाइड बुखार इंफेक्शन के कारण होता है। बचाव के लिए 6 महीने की उम्र में बच्चों को डोज दी जा सकती है।

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वैरिकाला वैक्सीन

चिकनपॉक्स से बचाव के लिए, वैरिकाला वैक्सीन देना काफी आवश्यक है । इस टीके की पहली खुराक 12-18 महीने की उम्र के बच्चों को दी जाती है और दूसरी खुराक 4-6 साल की उम्र के दौरान।

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मेनैक्ट्रा वैक्सीन

इस बीमारी में तेज बुखार, सिर दर्द, उल्टी, रैशेज की संभावना रहती है। बच्चों को मेनैक्ट्रा वैक्सीन का डोज देना आवश्यक है। इसकी खुराक 9- 23 महीने की उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है।

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