शलभासन पेट की समस्याओं के लिए रामबाण इलाज है। डायबिटीज और प्रोस्टेट ग्लैंड की समस्याओं का सबसे अच्छा इलाज शलभासन का नियमित अभ्यास है।
इस आसन के अभ्यास से आप डिप्रेशन में बहुत हद तक काबू पा सकते हैं। साथ ही इसका नियमित अभ्यास से आप हमेशा-हमेशा के लिए कमर दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
उत्तान मंडूकासन करने से पेट की मांसपेशियां टोन होने के साथ बैली फैट कम करने में मदद मिलती है। पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, कब्ज और अपच से छुटकारा मिलता है।
शशांकासन कब्ज से राहत दिलाता है और पाचन क्रिया में सुधार लाता है। यह आसन पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।नियमित रूप से शशांकासन करने पर यह आसन तनाव और क्रोध घटाता है।
अर्ध उष्ट्रासन को नियमित करने से कमर में लचीलापन आता है। इस आसन को बच्चे भी कर सकते है। अर्ध उष्ट्रासन को करते रहने से रक्तस्त्राव बढ़ जाता है और मांसपेशियां स्वस्थ रहती है।
कूल्हों, जांघों और कमर को फैलाता और खोलता है। आंतरिक जांघों और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को टोन करता है। ये पेल्विक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।
अर्धचक्रासन आपकी रीढ़ को लचीला बनाता है मेरुदंड तंत्रिकाओं को मजबूत बनाता है। साथ ही पीठ और गर्दन के दर्द को दूर करता है। साथ ही ये आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
वज्रासन से पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट से संबंधित रोग भी दूर होते हैं। अगर आप रोजाना खाना खाने के बाद इस आसन को करते हैं तो आपको डाइजेशन से संबंधित समस्याएं दूर रहेंगी।