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'लोहे के फेफड़े' पर 70 साल से जिंदा है ये शख्स, तस्वीर हिला कर रख देगी

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6 साल की उम्र में हो गए थे पोलियो के शिकार

पॉल एलेक्जेंडर 6 साल की उम्र में पोलियों से पीड़ित हो गए थे। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। तब उन्हें बचाने के लिए आयरन के लंग्स लगाया गया।

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7 दशक से आरयन लंग्स में हैं पॉल

करीब 272 किलो के आयरन लंग्स में वो पिछले 70 साल से जिंदा हैं। वो इसमें रहने के इतने आदि हो चुके हैं कि नए तकनीक पर भी मूव करने को तैयार नहीं हैं।

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गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (जीडब्ल्यूआर) ने 77 साल के पॉल को अब तक का सबसे लंबे समय तक आयरन लंग्स का रोगी घोषित किया।

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1952 में लगाई गई थी पॉल को आयरन लंग्स मशीन

 पॉल जब 6 साल के थे तो उन्हें पोलियो मार दिया था। गर्दन से नीचे का शरीर काम करना बंद कर दिया और सांस लेने में उन्हें दिक्कत होने लगी। 1952 में उन्हें आयरन लंग्स लगाया गया।

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कैसे करता है आयर लंग्स काम

लोहे से बना यह मशीन "फ्रॉग ब्रीदिंग" नामक एक तकनीक पर काम करते हैं,जो गले की मांसपेशियों का उपयोग करके एयर को वोकल कोड्स के पार धकेलता है।

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मशीन में गुजार दी पूरी जिंदगी

पॉल ने पूरी जिंदगी इस मशीन के अंदर गुजार दी। यहां तक कि इसी मशीन में रहकर उन्होंने हायर स्टडीज की। पॉल को आप मुंह के सहारे तस्वीर बनाते देख सकते हैं।

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मशीन में पॉल की जिंदगी

द गार्जियन की एक पुरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि मशीन उन्हें हिलने-डुलने, खांसने या घरघराहट की अनुमति नहीं देती है। उसका देखने का क्षेत्र भी सीमित है।

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नई मशीन नहीं लगाना चाहते पॉल

हालांकि अब लंग्स से जुड़ी कई नई मशीन आ चुकी है। जिसके जरिए पॉल अच्छी लाइफ जी सकते हैं। लेकिन उन्हें पुराने आयरन लंग्स की आदत हो गई है। वो उससे निकलना नहीं चाहते हैं।

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पॉल ने कभी नहीं माना हार

पॉल ने इसी मशीन पर जिंदा रहते हुए कानून की डिग्री ली। कई सालों तक लॉ की प्रैक्टिस भी की। उनका कहना है कि उनका कभी हार न मानने का जज्बा यहां तक लेकर आया है।

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