शाहरुख खान की लाडली सुहाना खान अपनी पहली फिल्म 'द आर्चीज' को लेकर सुर्खियों में हैं। एक इंटरव्यू में अपनी मानसिक समस्या के बारे में जिक्र किया।
सुहाना ने खुद को ओवरथिंकर बताया और कहा कि वो बहुत ही 'एंक्शियस पर्सन' हैं। वो किसी भी चीज को लेकर ज्यादा सोचती हैं और एंग्जायटी की शिकार हो जाती हैं।
ज्यादातर लोग ओरथिंकिंग और एंग्जायटी को बीमारी नहीं मानते हैं। लेकिन इसे नजरअंदाज करने की भूल नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यह गंभीर समस्या में बदल सकती है।
23 साल की सुहाना कहती हैं कि वो छोटी-छोटी बातों से परेशान हो जाती हैं। उनकी फीलिंग्स कई बार काबू से बाहर हो जाता है। इस स्थिति को वो कंट्रोल करने के लिए कुछ काम करती हैं।
ओवरथिंकिंग एक खराब एहसास होता है। जो इंसान के अंदर भवानात्मक सैलाब लेकर आता है। एक पल में वो खुश हो जाता है तो दूसरे पल डर और नर्वस का शिकार होता है।
अगर वक्त रहते ओवरथिंकिंग को कंट्रोल नहीं किया जाता है तो फिर यह धीरे-धीरे एंग्जायटी डिसऑर्डर बन सकती है, जो वक्त के साथ गंभीर होती रहती है।
किसी चीज को लेकर बहुत ज्यादा चिंता करना, बेवजह दर्द उठाना, सांस फूलने लगना, धड़कन तेज होना और कैफीन या दूसरी चीजों का उपयोग करना। ये एंग्जायटी डिसऑर्डर्स के लक्षण होते हैं।
सुहाना बताती हैं कि वो ओवरथिंकिंग से बचने के लिए एक घंटे वर्कआउट करती हैं। वर्कआउट करने से सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक लाभ भी मिलता है।