तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी के के इस्तेमाल की रिपोर्ट के बाद हड़कंप मचा है।
मछली के तेल का प्रसाद में इस्तेमाल होना सही है या गलत, इसपर तो धर्माचार्य ही सही राय दे सकते हैं। लेकिन यहां हम मछली तेल का ह्यूमन लाइफ में फायदे-नुकसान पर डिटेल शेयर कर रहे हैं।
फिश ऑयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो बॉडी के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
फिश ऑयल हमारे दिल का ध्यान रखता है। हृदय से जुड़े रोगों के खतरों को कमकर करता है, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और ट्राइग्लिसराइड के लेवल को मिनीमम कम करता है।
फिश ऑयल हमारे ब्रेन और उसके डिफेंस सिस्टम को मजबूत बनाता है। मेमोरी और concentration करने में मदद करता है। डिप्रेशन के खतरे को कम करता है।
फिश ऑयल Body Defence system को स्ट्रांग बनाता है। ये हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।
फिश ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी की खासियत भी होती है। ये हमारी बॉडी में सूजन को कम करता हैं।
फिश ऑयल हमारे बालों और स्किन को भी हेल्दी रखता है। इसका इस्तेमाल करने वालों की स्किन साइन करती रहती है।
फिश ऑयल गर्भास्थ शिशु के डेव्लपमेंट में मदद करता है। इससे गर्भपात का खतरा कम करता है।
फिश ऑयल के साइड इफेक्ट्स: फिश ऑयल को बहुत संभलकर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इससे पेट दर्द, लूज मोशन और कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है।