वजन उठाना दुबली मांसपेशियों के निर्माण और पूरी ताकत बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। वजन उठाने से महिलाएं हैवी नहीं दिखेंगी, इसके बजाय वो एक सुडौल बॉडी पा सकेंगी।
वजन उठाने के माध्यम से महिलाएं अपने चयापचय को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे स्वस्थ वजन बनाए रखना या हासिल करना आसान हो जाता है।
वजन उठाने से हड्डियों पर तनाव पड़ता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों को रोकने में मदद करता है। बढ़ती उम्र में महिलाएं हड्डियों की समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं।
वजन उठाना फैट के लिए बहुत अच्छा है। वर्कआउट के दौरान और वर्कआउट के बाद भी कैलोरी बर्न करता है। क्योंकि शरीर की मरम्मत होती है और मांसपेशियां बनती हैं।
यह मांसपेशियों को आकार देने और डिटेल करने व समग्र शरीर संरचना में सुधार करने के साथ आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद कर सकता है।
वजन उठाने के माध्यम से रोजमर्रा की जिंदगी में और अन्य शारीरिक गतिविधियों के दौरान चोटों को रोकने में मदद मिल सकती है। तथा कई तरह के बॉडी पेन को कम कर सकता है।
वजन उठाने से कई मानसिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह तनाव को कम कर, एंडोर्फिन जारी करके मूड में सुधार करता है। आत्मसम्मान को बढ़ाकर समग्र मेंटल फ्लेग्जिबिलिटी को बढ़ा सकता है।