रेड लाइट थेरेपी एक एंटी एजिंग थेरेपी के रूप में जाना जाता है। इसमें कम तीव्रता वाली लाल प्रकाश को स्किन के उपर छोड़ा जाता है।
माइटोक्रॉन्ड्रिया जिसे कोशिकाओं का पावरहाउस, लाल प्रकाश कणों को अवशोषित करता है। यह माइटोक्रॉन्ड्रिया में एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट के प्रोडक्शन में सुधार करता है।
जिसकी वजह से कोशिकाएं बेहतर रिएक्शन देती हैं। इससे त्वचा की मरम्मत करने और नई कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने में मदद करती है।
बढ़ती उम्र में कोलेजन की मात्रा घट जाती है। जिसकी वजह से स्किन पर बुढ़ापे का असर नजर आने लगता है। रेड लाइट थेरेपी कोलेजन की मात्रा को बढ़ाने का काम करती है।
थेरेपी सीबम के फ्लो को पॉजिटिव रूप से प्रभावित करता है। केराटिनोसाइटेसिस को कम करने में मदद करता है, जो मुँहासे को तेजी से ठीक करता है। यह सूजन को भी कम करने में मदद करता है।
रेड लाइट एंटी एजिंग प्रभाव को कम करता है। फ़ाइब्रोब्लास्टी के प्रोडक्शन को उत्तेजित करता है। कोलेजन प्रोटीन के फ्लो को बढ़ाता है। जिसकी वजह से स्किन से झुर्रियां दूर होती हैं।
रेड लाइट थेरेपी से दाग-धब्बे दूर किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं घाव के भरने में भी यह तेजी लाता है।
स्किन से जुड़ी इस बीमारी को भी रेड लाइट थेरेपी की मदद से दूर किया जा सकता है। यह आरएलटी मेलानोसाइट्स के प्रोडक्शन में सुधार करके रंजकता को बढ़ा सकता है।
थेरेपी बालों के रोम में एपिडर्मल स्टेम कोशिकाओं को उत्तेजित करने में मदद करती है और बालों का रिकंस्ट्रक्शन करती है। ग्रे हेयर और इसके झड़ने की प्रक्रिया को रोक देती है।
वेट लॉस में भी रेड लाइट थेरेपी मदद करती है। यह फैट को गलाने का काम करती है। हालांकि इस पर अभी शोध जारी है।