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क्या साड़ी और पेटीकोट पहनने से हो रहा है कैंसर? ये है स्टडी का सच

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क्या कहती है Study?

2014 में जर्नल ऑफ क्यूटेनियस एंड एस्थेटिक सर्जरी में प्रकाशित एक Study के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 68 वर्षीय महिला के मामले का उल्लेख किया था, जिसे साड़ी कैंसर के बारे में पता चला था।

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दूसरी स्टडी क्या कहती है?

StatPearls Publishing के अनुसार, मरजोलिन अल्सर (Marjolin Ulcer) लगातार त्वचा की जलन के कारण विकसित हो सकते हैं, जो अक्सर कसकर बंधी साड़ी के पेटीकोट या अंडरस्कर्ट के कारण होती है।

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टाइट साड़ी, धोती या पेटीकोट बांधने से क्या होता है?

BMJ केस रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि इस स्थिति को पहले "साड़ी कैंसर" कहा जाता था, लेकिन असल समस्या कमर पर बंधे तंग कपड़े (डोरी) की कसावट है

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क्या है साड़ी या पेटीकोट कैंसर?

साड़ी या पेटीकोट कैंसर, साड़ी पहनने की वजह से महिलाओं में होने वाली त्वचा संबंधी समस्या है। इसका कारण साड़ी या पेटीकोट बांधने का गलत तरीका, जो लगातार एक जगह पर बांधने से होता है।

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लगातार घर्षण हो सकती है वजह

साड़ी पहनते समय पल्लू और पेटीकोट कमर पर कसकर बांधा जाता है। इसे एक जगह पर बांधने के कारण कमर के एक ही स्थान पर लगातार घर्षण होता है, जिससे त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचता है।

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त्वचा का रंग बदलना

साड़ी पहनने से नियमित घर्षण के कारण त्वचा का रंग गहरा हो सकता है, जिससे उस स्थान पर काले धब्बे या पिगमेंटेशन दिखाई देने लगते हैं। इसे "फ्रिक्शनल हाइपरपिगमेंटेशन" कहा जाता है।

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त्वचा में जलन और घाव

घर्षण से धीरे-धीरे त्वचा में सूजन, जलन और कुछ मामलों में घाव हो सकते हैं। इसे नजरअंदाज करने पर त्वचा के घाव बड़े और गंभीर हो सकते हैं। 

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रोकथाम और उपचार

साड़ी पहनते समय कमर पर बहुत कसकर बांधने से बचना चाहिए। पाउडर का उपयोग घर्षण को कम कर सकता है। यदि कोई जलन या घाव दिखता है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर सही उपचार करवाना जरूरी है।

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