व्हीटग्रास में फ्लेवोनोइड और क्लोरोफिल जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने और शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
व्हीटग्रास अक्सर अपनी क्लोरोफिल के कारण डिटॉक्सिफिकेशन से जुड़ा होता है। यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता है और शरीर को हेल्दी रखता है।
व्हीटग्रास अक्सर अपनी क्लोरोफिल के कारण डिटॉक्सिफिकेशन से जुड़ा होता है। यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता है और शरीर को हेल्दी रखता है।
ऐसा माना जाता है कि व्हीटग्रास में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है।
व्हीटग्रास पाचन में सहायता कर सकता है और हेल्दी आंत को बढ़ावा दे सकता है। व्हीटग्रास में फाइबर की मात्रा बेहतर पाचन में अहम रोल निभाता है। पेट को अच्छी तरह से साफ करता है।
व्हीटग्रास हीमोग्लोबिन के लेबल को बढ़ाता है और ब्लड फ्लो को ठीक करता है। इतना ही नहीं रेड ब्लड सेल के प्रोडक्शन को भी यह बढ़ा सकता है।
व्हीटग्रास कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर पॉजिटिव प्रभाव डाल सकता है। यह संभावित रूप से एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है।
व्हीटग्रास मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और तृप्ति की भावना को बढ़ावा देकर वजन घटाने में सहायता कर सकता है।
व्हीटग्रास स्किन को जवां और चमकदार बनाए रखने का काम भी कर सकता है। सूजनरोधी गुण होने के कारण घाव भरने और त्वचा की ख्याल रखने में अहम भूमिका भी निभाता है।
व्हीटग्रास का जूस बनाकर भी आप पी सकते हैं। या मार्केट से व्हीटग्रास का पाउडर लाकर पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
एक्सपर्ट ने उचित परिणाम के लिए नियमित रूप से 20 से 30 एम एल व्हीटग्रास से बने जूस को पीने की सलाह दी है। या दो से तीन चम्मच व्हीटग्रास का पाउडर रोज ले सकते हैं।