छुट्टियों और ठंड के दौरान वर्कआउट या फिजिकल एक्टिविटी काफी कम हो जाती है। ठंड ज्यादा होने के कारण लोग वर्कआउट नहीं कर पाते है, जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है।
ठंड में कई लोग पानी कम मात्रा में पीते हैं और शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। यह डिहाइड्रेशन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज को भी बढ़ाता है।
सिर्फ स्मोकिंग करना ही नहीं बल्कि ठंड के दिनों में अलाव के सामने घंटों तक बैठना भी फेफड़ों में स्मोक बढ़ा सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
सर्दी और छुट्टियों के दौरान अधिकतर लोग खूब सारे मसाले वाली चीजों का सेवन करते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और हार्ट अटैक का खतरा भी दोगुना हो सकता है।
सर्दी में ब्लड प्रेशर के मरीजों को कई समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उनका ब्लड प्रेशर या तो बहुत ज्यादा हाई हो सकता है या कम हो सकता है, जो हार्ट अटैक का एक कारण होता है।
सर्दियों और छुट्टियों के दौरान ज्यादातर लोग शराब का सेवन करते हैं, ताकि शरीर को गर्माहट मिल सके लेकिन यह अल्कोहल हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकती है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्ट अटैक का एक कारण स्ट्रेस भी होता है, जो लोग क्रॉनिक स्ट्रेस से परेशान रहते हैं उन्हें सर्दियों के दिनों में हार्ट अटैक का खतरा होने की संभावना होती है।