सुहाग के लिए ही नहीं, संतान सुख पाने में भी बिछिया करती है मदद
Health Oct 20 2024
Author: Nitu Kumari Image Credits:social media
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विवाह का प्रतीक
बिछिया पहनना भारतीय संस्कृति में विवाहिता स्त्री की पहचान मानी जाती है। इसे पहनना शुभ और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
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पति की लंबी उम्र की कामना
बिछिया को सुहाग का प्रतीक माना जाता है, और इसके जरिए महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना करती है।
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बिछिया कौन पहनाता है
शादी के दौरान दूल्हा अपनी दुल्हन के पैरों में बिछिया पहनाता है। इसके बाद महिला ताउम्र अपने पैरों में इसे धारण करके रखती है। यह प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
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बिछिया पहनने के वैज्ञानिक कारण
बिछिया को पैरों की दूसरी उंगली में पहनना जाता है। यह उंगली हार्ट और गर्भाशय से जुड़ी नसों से संबंधित है। इसे पहनने से नसों पर दबाव बनता है। जिससे प्रजनन हेल्थ में सुधार होता है।
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ब्लड फ्लो में सुधार
बिछिया पहनने से पैरों में ब्लड फ्लो बेहतर होता है जिससे महिला का हेल्थ अच्छा बना रहता है और थकान कम महसूस होती है।
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एक्यूप्रेशर का प्रभाव
बिछिया पहनने से उस उंगली पर लगातार हल्का दबाव पड़ता है, जो एक्यूप्रेशर का काम करता है। इससे तनाव और बेचैनी कम होती है और मानसिक शांति मिलती है।
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गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत
वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार बिछिया पहनने से गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, जिससे प्रसव के समय जटिलताओं में कमी आ सकती है।
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चांदी का महत्व
बिछिया चांदी से बनाई जाती है, क्योंकि चांदी में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर की गर्मी को संतुलित करने में मदद करते हैं।यह पैरों के तलवों के जरिए ऊर्जा को सोख करके शरीर को ठंडा रखता है।