एड्स एचआईवी नाम के विषाणु से होता है। इंसान के शरीर में जाने के बाद 6 से 8 सालों में इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। यह एक संक्रामक रोग होता है, जो एक से दूसरे इंसान को फैल सकता है।
एक से ज्यादा लोगों से यौन संबंध बनाने से
जो व्यक्ति एक से ज्यादा लोगों से यौन संबंध बनाता है, उस व्यक्ति को एचआईवी या AIDS होने का खतरा ज्यादा होता है।
जो लोग नशीली दावों का सेवन करते हैं या इंजेक्शन के रूप में दवाइयां लेते हैं, उन्हें AIDS होने का खतरा हो सकता है।
वेश्यावृत्ति करने वालों से यौन संपर्क रखने वाले व्यक्ति को AIDS होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। या जो लोग वेश्यावृत्ति में सम्मिलित होते है उन्हें भी इसका खतरा रहता है।
यदि कोई इंसान यौन रोग से पीड़ित है और उस समय उस व्यक्ति से संबंध बना लिया जाए, तो ऐसे में उस इंसान को AIDS होने का खतरा हो सकता है।
जो माता-पिता एचआईवी पॉजिटिव होते हैं, उनके बच्चे को एचआईवी होने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं।
अगर किसी स्थिति में आपको किसी से खून लेने की जरूरत पड़ी और आप बिना जांच किए किसी भी इंसान का खून लेते हैं, तो उससे भी एचआईवी का खतरा बढ़ सकता है।
एड्स संक्रमित के साथ यौन संपर्क बनाने से, संक्रमित सिरिंज या सुई का इस्तेमाल करने से, संक्रमित मां से जन्म हुए शिशु से या एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से खून लेने से बढ़ सकता है।