Hindi

IVF day 2024:IVF से पहले क्यों जरूरी है प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्ट

Hindi

वर्ल्ड आईवीएफ डे 2024

25 जुलाई 1978 को पहली ऐसी बच्ची का जन्म हुआ था, जो आईवीएफ यानी कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से हुई थी। इसके बाद हर साल 25 जुलाई को ही आईवीएफ डे मनाया जाने लगा।

Image credits: Freepik
Hindi

क्यों मनाया जाता है आईवीएफ डे

आईवीएफ डे को लेकर लोगों के कई सारे मिथक हैं उन्हीं को दूर करने के लिए वर्ल्ड आईवीएफ डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को आईवीएफ के बारे में जागरूक किया जा सके।

Image credits: Freepik
Hindi

लेबोरेटरी में भ्रूण किया जाता है तैयार

आईवीएफ की प्रोसेस में महिलाओं के एग्स में पुरुष का स्पर्म डालकर उसे लैब में मैच्योर होने तक रखा जाता है और उसके बाद फिर महिला के गर्भ में इंप्लांट किया जाता है।

Image credits: Freepik
Hindi

क्या है प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्ट

ये आईवीएफ में भ्रूण के इंप्लांटेशन से पहले की एक प्रक्रिया है जिसमें जेनेटिक डिसऑर्डर की जांच की जाती है। यह टेस्ट बच्चों में जन्मजात बीमारी और आनुवंशिक डिसऑर्डर का पता लगाता है।

Image credits: Freepik
Hindi

क्यों होते हैं बच्चों में अनुवांशिक विकार

अनुवांशिक विकार किसी बच्चे में डीएनए की असमानताओं के कारण हो सकते हैं। जिसमें सिस्टिक फाइब्रोसिस, हंटिंगटन रोग, टे-सैक्स रोग और सिकल सेल एनीमिया शामिल हैं।

Image credits: Freepik
Hindi

क्यों जरूरी है प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्ट

इस टेस्ट से IVF की सफलता दर और बच्चों को अनुवांशिक विकार से बचाने के रास्ते खुल जाते हैं, इसलिए महिला के भ्रूण में बच्चों को इंप्लांट करने से पहले यह टेस्ट जरूरी है।

Image credits: Freepik
Hindi

तीन प्रकार के होते हैं प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्ट

PGT-A (एनीप्लोइडीज के लिए प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग), PGT-M (मोनोजेनिक विकारों के लिए प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग), PGT-SR (स्ट्रक्चर रिअरेंजमेंट के लिए)

Image credits: Freepik
Hindi

प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्ट के फायदे

ये टेस्ट माता-पिता को IVF को चुनने में मदद करता है। जेनेटिक से जुड़ी जानकारी देता है। इसके लिए विशेषज्ञों की जरूरत है, ताकि अनुवांशिक समस्याओं का समय रहते पता लगाया जा सकें। 

Image Credits: Freepik