रंगोली के लिए इस्तेमाल किए गए फूलों की पखुंड़ियों को इक्कट्ठा करें और धूप में सुखाकर इस में शहद, घी, कपूर, गुगल मिलकर धूप बत्ती बना लें।
रंगोली के रंग अगर हल्दी, चावल के आटे, या फूलों से बने हैं, तो इन्हें घर के पौधों के गमलों में डाल सकते हैं। ये रंग पौधों के लिए खाद का काम करेंगे और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएंगे।
बची हुई रंगोली से बच्चों के लिए क्राफ्ट या आर्टवर्क बना सकते हैं। रंगोली के रंगों का उपयोग कर कागज या बोर्ड पर छोटे-छोटे डिज़ाइन बनाएं। इससे रंगोली के रंग का दोबारा उपयोग हो जाएगा।
रंगोली को कांच के जार, दीवार पर लगे फ्रेम या अन्य सजावटी वस्त्रों पर लगाकर उन्हें खूबसूरत बना सकते हैं। इससे घर की सजावट भी हो जाएगी और रंगोली का अनोखा इस्तेमाल भी।
अगर रंगोली में प्राकृतिक सामग्री जैसे हल्दी, चावल का आटा, या गुलाब की पंखुड़ियां हैं, तो इन्हें घर की किसी अन्य रंगोली बनाने या किसी अन्य उत्सव में फिर से उपयोग किया जा सकता है।
रंगोली को पूजा स्थल पर भी रख सकते हैं, जैसे फूलों या हल्दी वाले रंग को देवी-देवताओं की मूर्तियों के पास रखें। यह पूजा में सकारात्मकता और शुभता का प्रतीक माना जाता है।