दुकानदार नहीं लगा पाएगा चूना, असली Banarasi Silk की ऐसे करें पहचान
Other Lifestyle Feb 07 2025
Author: Nitu Kumari Image Credits:Instagram
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साड़ी को पलटकर देखें
असली बनारसी सिल्क साड़ियां हाथ से बुनी जाती हैं और इन पर बारीक कढ़ाई होती है।साड़ी को पलटकर देखें अगर पीछे की तरफ तैरते हुए धागे दिखें, तो यह असली हाथ से बुनी हुई साड़ी है।
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साड़ी के वजन की जांच करें
असली बनारसी सिल्क साड़ी थोड़ी भारी होती है, क्योंकि इनमें खालिस सिल्क धागे और असली ज़री (सोने-चांदी की कढ़ाई) का काम होता है। अगर कोई साड़ी बहुत हल्की हो तो वह नकली हो सकती है।
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ज़री की शुद्धता जांचें
असली बनारसी साड़ियों में खालिस सोने-चांदी की ज़री का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि नई बनारसी साड़ियों में नकली ज़री का उपयोग किया जाता है। इसे पहचानने के लिए ज़री को हल्का सा रगड़ें।
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असली जरी की पहचान
अगर अंदर से लाल या चांदी जैसा धागा निकले, तो ज़री असली है। अगर सफेद या प्लास्टिक का धागा निकले तो यह नकली जरी है।
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रिंग टेस्ट करें
साड़ी के एक हिस्से को छोटी अंगूठी से गुजारें। अगर यह बिना अटके आसानी से निकल जाए तो असली सिल्क साड़ी है। अगर फंस जाए या मुड़ने लगे तो यह मिलावटी सिल्क हो सकती है।
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मोटिफ्स (डिज़ाइन) की जांच करें
असली बनारसी साड़ियों में फ्लोरल फोलिएज, बेल आम्र, अंबी और मुगल डिजाइन होते हैं, जो उनकी खास पहचान है।
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बनारसी GI (Geographical Indication) टैग देखें
हर असली बनारसी सिल्क साड़ी में GI टैग होता है, जो इस बात की गारंटी देता है कि यह साड़ी वाराणसी, भारत में बनी है। खरीदते समय हमेशा इस प्रमाणपत्र की जांच करें।
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असली बनारसी सिल्क साड़ी की कीमत
असली बनारसी सिल्क साड़ी महंगी होती है, क्योंकि इसे हाथ से बुना और कढ़ाई किया जाता है।