बंधनी साड़ियां राजस्थान और गुजरात दोनों जगह बनाई जाती है। यह साड़ी टाइ-डाई तकनीक पर बेस्ड है। कपड़े कों गांठें बांधकर डाई किया जाता है। जिससे डॉट, लहरें और पैटर्न बनते हैं।
लाल, पीला, हरा और नीले रंग की बंधनी साड़ी ज्यादा बनती है। इन साड़ियों पर चांदनी, लहरिया, मोथड़ा पैटर्न डाला जाता है। कॉटन, शिफॉन और जॉर्जेट फैब्रिका का इस्तेमाल किया जाता है।
बंधनी साड़ी हल्की और कंफर्टेबल होती है। शादी, त्योहार और पूजा में इसे ज्यादातर महिलाएं पहनती हैं। राजस्थान में बनाई जाने वाली बंधनी साड़ी ज्यादा जटिल होती है।
पटोला साड़ी गुजरात के पाटन शहर में बनाई जाती है। यह काफी महंगी साड़ी होती है जो "डबल इकत" तकनीक से तैयार होती है।
पहले धागों को डाई किया जाता है, फिर बुनाई की जाती है। जटिल ज्यामितीय पैटर्न, फूल, हाथी, तोते, और अन्य पारंपरिक डिज़ाइन इसमें शामिल हैं।
पटोल साड़ी में कई तरह के कलर इस्तेमाल किए जाते हैं। जैसे रॉयल रेड, ग्रीन, मैरुन और येल। मेटेरियल की बात करें तो यह साड़ी प्योर सिल्क की होती है।
पटोला साड़ी को बनने में छह महीने से लेकर कई साल भी लग जाते हैं। इसलिए इसकी कीमत लाखों में होती है। अमीर घर की महिलाएं ही इसे पहन पाती हैं।