जितनी जल्दी हो सके अपनी तैयारी शुरू करें। पढ़ाई शुरू करने के लिए आखिरी मिनट तक इंतजार न करें। इससे आपको सभी विषयों को कवर करने और उन्हें रिवाइज करने का समय मिलेगा।
जब आप बोर्ड एग्जाम्स की तैयारी करते हैं तो आपको कम से कम पिछले 5 साल के सभी पेपर्स को सॉल्व करके देखना चाहिए, क्योंकि कई बार क्वेश्चंस पिछले पेपर से ही ले लिए जाते हैं।
जब आप 10वीं या 12वीं के लिए तैयारी करते हैं, तो आपको रट्टा मारने की जगह अपने कांसेप्ट क्लियर रखना चाहिए और उसे पॉइंट वाइज याद करना चाहिए।
10th या 12th का सिलेबस बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में अगर आप टाइम टेबल नहीं बनाएंगे तो आप एक शेड्यूल स्टडी नहीं कर पाएंगे।
एग्जाम के दौरान अधिकतर बच्चे स्ट्रेस ले लेते हैं, जिससे उनकी मेंटल हेल्थ पर इफेक्ट पड़ता है। ऐसे में मेंटल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए योग मेडिटेशन या कोई एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए।
भले ही सिलेबस कितना ही ज्यादा क्यों ना हो और आपके पास टाइम कम क्यों ना हो, अपने एटीट्यूड को हमेशा पॉजिटिव रखें और इस एप्रोच के साथ आगे बढ़ें।
आप जो भी पढ़ाई करते हैं, रात में आधे घंटे का समय जरूर निकाले और जो भी आपने दिन भर में पढ़ा है उसका रिवीजन जरूर करें। ऐसा करने से लास्ट मोमेंट पर आप पर बहुत ज्यादा बर्डन नहीं आएगा।
जब आप किसी बड़े एग्जाम के लिए प्रिपेयर करते हैं, तो आपको ग्रुप स्टडी करना चाहिए, क्योंकि कई बार ग्रुप स्टडी के दौरान कई सारी चीज और कॉन्सेप्ट क्लीयर हो जाते हैं।
एंड टाइम पर आपको पूरा सिलेबस रिवाइज करने का समय नहीं मिलेगा, इसलिए हर विषय के शॉर्ट नोट्स में बनाएं और इसे पॉइंट्स वाइज लिखें ताकि एंड टाइम पर आपको हसल ना हो।