Chhath Puja में चार दिन क्या-क्या होता है, 36 घंटे व्रत की पूरी विधि
Other Lifestyle Nov 16 2023
Author: Shivangi Chauhan Image Credits:social media
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छठ पूजा उत्सव
4 दिवसीय छठ पूजा उत्सव कल 17 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगा। धूमधाम से जश्न मनाने की तैयारी हो रही है। छठ पूजा का उद्देश्य भगवान सूर्य की पूजा करना है।
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छठी मैया से प्रार्थना
छठ के दौरान, महिलाएं कठिन उपवास रखती हैं और अपने परिवार व बच्चों के कल्याण, उन्नति के लिए भगवान सूर्य और छठी मैया से प्रार्थना करती हैं।
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कहां-कहां मनाते हैं फेस्टिवल
छठी मैया और भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश व भारत के अलावा नेपाल में इस त्योहार को मनाते हैं।
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छठ पूजा का पहला दिन
छठ पूजा में पहले दिन नहाय खाय होता है। भक्त नदी में स्नान करते हैं और सादा भोजन करते हैं। लोग पूजा के लिए फल, दीये खरीदते हैं और घरों को साफ करते हैं।
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छठ पूजा का दूसरा दिन
भक्त पूरे दिन उपवास करते हैं और छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। छठी माता को प्रसाद चढ़ाया जाता है और फिर परिवार के सदस्यों के बीच वितरित करते हैं।
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छठ पूजा का तीसरा दिन
तीसरे दिन से मुख्य अनुष्ठान शुरू हो जाते हैं। महिलाएं, सूर्यास्त के दौरान तालाब में कमर तक खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। लोग छठ व्रत कथा सुनते और भक्ति गीत गाते हैं।
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छठ पूजा का चौथा दिन
अंतिम दिन, भक्त सुबह फिर से अर्घ्य चढ़ाते हैं। एक बार फिर, परिवार के सदस्य और व्रती सुबह-सुबह नदी तट पर एकत्र होते हैं, जहां वे सूरज निकलने तक बैठते हैं।
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36 घंटे का उपवास तोड़ना
सूर्य उगते ही सौरी या सुपाली में संग्रहीत अर्घ्य के साथ झील में प्रवेश करके प्रदान किया जाता है। व्रती आपस में प्रसाद बांटते हैं। व्रती 36 घंटे का उपवास अदरक और पानी से तोड़ते हैं।